ऊखीमठः  हिमालय में सबसे ऊंचाई व चन्द्र शिला की तलहटी में विराजमान तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ के कपाट बन्द होने तथा चल विग्रह उत्सव डोली के शीतकालीन गद्दी स्थल मक्कूमठ में विराजमान होने के बाद मन्दिर समिति द्वारा तुंगनाथ धाम की सुरक्षा व स्वच्छता की दृष्टि से मन्दिर परिसर , अतिथि गृह व अधिकारियों कर्मचारी आवासों के सीमाओं की घेर बाड़ की गयी है।

Spread the love

यूरो रुद्रप्रयागः लक्ष्मण सिंह नेगी

 

ऊखीमठः  हिमालय में सबसे ऊंचाई व चन्द्र शिला की तलहटी में विराजमान तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ के कपाट बन्द होने तथा चल विग्रह उत्सव डोली के शीतकालीन गद्दी स्थल मक्कूमठ में विराजमान होने के बाद मन्दिर समिति द्वारा तुंगनाथ धाम की सुरक्षा व स्वच्छता की दृष्टि से मन्दिर परिसर , अतिथि गृह व अधिकारियों कर्मचारी आवासों के सीमाओं की घेर बाड़ की गयी है। अब शीतकाल में चन्द्र शिला जाने वाले पर्यटक , सैलानी व प्रकृति प्रेमी मन्दिर परिसर में प्रवेश नहीं कर पायेगें तथा मन्दिर समिति द्वारा शीतकाल में पर्यटकों , सैलानियों व प्रकृति प्रेमियों के लिए मन्दिर परिसर में प्रवेश करने पर पाबन्दी लगा दी गयी है। जानकारी देते हुए तुंगनाथ प्रबन्धक बलवीर नेगी ने बताया कि भगवान तुंगनाथ के कपाट विगत 4 नवम्बर को परम्परा के अनुसार शीतकाल के लिए बन्द कर दिये गये हैं तथा 7 नवम्बर को भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली अपने शीतकालीन गद्दी स्थल मक्कूमठ में विराजमान हो चुकी है। उन्होंने बताया कि शीतकाल में बर्फबारी का आनन्द लेने व प्रकृति की हसीन वादियों से अति निकट से रूबरू होने के लिए पर्यटकों, सैलानियों व प्रकृति प्रेमियों की आवाजाही चन्द्र शिला शिखर तक जारी रहती है तथा चन्द्र शिला जाने वाले पर्यटक, सैलानी व प्रकृति प्रेमी तुंगनाथ मन्दिर परिसर में भी प्रवेश करते है जिससे तुंगनाथ मन्दिर, भण्डार गृह, अतिथि गृह व अधिकारियों, कर्मचारियों के आवासों की सुरक्षा को भी खतरा रहता है तथा मन्दिर परिसर में पर्यटकों द्वारा कही प्रकार का कूड़ा छोडने से मन्दिर परिसर में गन्दगी होने के साथ ही पर्यावरण को भी खासा नुकसान होता था इसलिए मन्दिर के पदाधिकारियों, उच्चाधिकारियों के निर्देश पर तुंगनाथ मन्दिर परिसर की सीमाओं के चारों तरफ सुरक्षा व स्वच्छता के दृष्टिगत घेर बाड़ की गयी है। उन्होंने कहा कि मन्दिर की सुरक्षा की दृष्टि से मन्दिर समिति के तीन कर्मचारी अभी भी तुंगनाथ धाम में तैनात है मगर तुंगनाथ धाम के तापमान भारी गिरावट आ रही है। उन्होंने बताया कि चन्द्र शिला के शिखर पर शीतकाल में भी मानवीय आवागमन होने के कारण ग्लोबल वार्मिंग की समस्या लगातार बढ़ती जा रही है परिणामस्वरूप गर्मियों में तुंगनाथ धाम में पेयजल संकट गहरा जाता है। इस मौके पर चन्द्रमोहन बजवाल, उमेद सिंह नेगी, आनन्द सिंह रावत, दिलवर सिंह नेगी मौजूद थे।

  • Related Posts

    अंतराष्ट्रीय महिला दिवस पर किया महिलाओं का सम्मान।

    Spread the love

    Spread the loveआरोही सामाजिक एवं सांस्कृतिक संस्था।   अंतराष्ट्रीय महिला दिवस पर किया महिलाओं का सम्मान।   ब्रज की होली संग बना महिला दिवस।    हर वर्ग की महिलाओं का…

    चाकसू की बेटी बनी आइडियल।

    Spread the love

    Spread the loveब्यूरो छत्तीसगढ़ः सुनील चिंचोलकर।     ललिता टॉक   सीनियर नर्सिंग ऑफिसर महिला चिकित्सालय सांगानेरी गेट जयपुर राजस्थान।                 चाकसू की बेटी…

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    You Missed

    साध्वी बनने का नया ट्रेंड: त्याग की ओट में सुख का ब्रांड?

    • By User
    • July 18, 2025
    • 3 views
    साध्वी बनने का नया ट्रेंड: त्याग की ओट में सुख का ब्रांड?

    जाट रेजीमेंट के कमान अधिकारी की सराहनीय पहल

    • By User
    • July 18, 2025
    • 4 views
    जाट रेजीमेंट के कमान अधिकारी की सराहनीय पहल

    कैप्टन अंशुमान सिंह, कीर्ति चक्र (मरणोपरांत)

    • By User
    • July 18, 2025
    • 7 views
    कैप्टन अंशुमान सिंह, कीर्ति चक्र (मरणोपरांत)

    शुभांशु की यात्रा ‘तिरंगे’ की उड़ान…!

    • By User
    • July 18, 2025
    • 4 views
    शुभांशु की यात्रा ‘तिरंगे’ की उड़ान…!

    चुनावी बयार में बिहार पर सौगातों की बरसात

    • By User
    • July 18, 2025
    • 4 views
    चुनावी बयार में बिहार पर सौगातों की बरसात

    समोसा जलेबी खतरनाक है या पिज्जा बर्गर पेस्ट्री केक

    • By User
    • July 18, 2025
    • 4 views
    समोसा जलेबी खतरनाक है या पिज्जा बर्गर पेस्ट्री केक