
ब्यूरो ऊखीमठः लक्ष्मण सिंह नेगी।
ऊखीमठः द्वितीय केदार मदमहेश्वर धाम सहित सभी यात्रा पडा़वों को वनाधिकार अधिनियम 2006 के तहत राजस्व ग्राम में परिवर्तन करने के उद्देश्य से सीमान्त ग्राम पंचायत गौण्डार मेें ग्रामीणों की खुली बैठक में ग्राम स्तरीय वनाधिकार समिति का गठन करते हुए शिवानन्द पंवार अध्यक्ष व भूपेन्द्र पंवार सचिव चुने गये, साथ ही ग्राम स्तरीय वनाधिकार समिति के पदाधिकारियों के एक शिष्टमंडल ने केदारनाथ विधायक आशा नौटियाल के माध्यम से प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सात सूत्रीय ज्ञापन भेजकर कर युगो से मदमहेश्वर धाम की धार्मिक परम्पराओं में निस्वार्थ भाव से अपना योगदान देने वाले ग्रामीणों को अपना हक देने व वनाधिकार अधिनियम 2006 के तहत मदमहेश्वर धाम सहित सभी यात्रा पडा़वों को राजस्व ग्रामो मे परिवर्तन करने की मांग की। द्वितीय केदार मदमहेश्वर यात्रा के आधार शिविर गौण्डार गांव में निवर्तमान प्रधान बीर सिंह पंवार की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में ग्राम स्तरीय वनाधिकार समिति का गठन करते हुए शिवानन्द पंवार को अध्यक्ष तथा भूपेन्द्र सिंह पंवार को सचिव की जिम्मेदारी देने के साथ कविता पंवार, गीता पंवार, सुनीता पंवार सरिता पंवार, आशा पंवार, नन्दा पंवार, दिलवर सिंह पंवार व बीर सिंह पंवार को ग्राम स्तरीय वनाधिकार समिति में सदस्य नामित किये गये। ग्राम स्तरीय वनाधिकार समिति के पदाधिकारियो के एक शिष्टमंडल ने केदारनाथ विधायक आशा नौटियाल के माध्यम से मुख्यमंत्री को सात सूत्रीय ज्ञापन भेजकर मांग करते हुए कहा कि गौण्डार के ग्रामीण। मदमहेश्वर धाम मे पीढियो से सेवाकारी / सहायक / तीर्थ पुरोहितों की भूमिका निभाते आ रहे है, जिसके साथ ही यहां के लोग मदमहेश्वर धाम में होटल / होम स्टे व्यवसाय का काम भी युगों से करते आ रहे है परन्तु वन अधिनियम के कारण यह व्यवसाय सुचारू रूप से नहीं चल पा रहा है। मदमहेश्वर धाम की यात्रा में प्रति वर्ष इजाफा होने के बाद भी ग्रामीण वन विभाग के बेदखली के नोटिसो का सामना करने के लिए विवश बने हुए है। बताया कि ग्रामीण मदमहेश्वर धाम की धार्मिक परम्पराओं का निर्वहन युगों से करने के साथ पशुपालन व भेड़ पालन की परम्पराओ का निर्वहन करते आ रहे है मगर वन विभाग के बार – बार बेदखली के नोटिस जारी होने से मन्दिर की धार्मिक परम्परांओं के निर्वहन के साथ ही अन्य व्यवसायो को संचालित करने मेें बाधा पहुंच रही है इसलिए मदमहेश्वर धाम सहित सभी यात्रा पडा़वों को राजस्व ग्रामों में परिवर्तन किया जाय। समिति के पदाधिकारियों का कहना है कि यदि मदमहेश्वर धाम सहित सभी यात्रा पड़ावों को राजस्व ग्रामों में परिवर्तन किया जाता है तो मदमहेश्वर धाम आने वाले तीर्थ यात्रियों, पर्यटकों, सैलानियों की संख्या मेें भारी वृद्धि होगी, धाम पहुंचने वाले तीर्थ यात्रियों पर्यटकों को बेहतर सुविधा मिलेगी, मदमहेश्वर धाम सहित सभी यात्रा पड़ाव बिजली को रोशनी से जगमग होने के साथ मदमहेश्वर धाम सहित सभी यात्रा पड़ावों में संचार सुविधा मुहैया होगी, मदमहेश्वर – पाण्डव सेरा – नन्दीकुण्ड पैदल ट्रैक को पर्यटन मानचित्र पर विशिष्ट पहचान मिलने के बाद पर्यटक वहां की खूबसूरती से रूबरू होगे तथा हक – हकूधारियों को धार्मिक परम्पराओं का निर्वहन करने तथा ग्रामीणों को युगों से चल रहे व्यवसाय के संचालन में किसी प्रकार की परेशानी नहीं होगी।