प्रेम-पथ(16/16)
डॉ0 हरि नाथ मिश्र, अयोध्या (उ0प्र0) प्रेम-पथ(16/16) प्रेम-डगर है ऊभड़-खाभड़, इसपर चलो सँभल कर भाई। इसमें होती बहुत परीक्षा- असफल यदि, हो जगत-हँसाई। दाएँ-बाएँ निरखत चलना, सदा बिछे…
जाति-धर्म के नाम पर,
प्रियंका सौरभ रिसर्च स्कॉलर इन पोलिटिकल साइंस, कवयित्री, स्वतंत्र पत्रकार एवं स्तंभकार, हिसार (हरियाणा) जाति-धर्म के नाम पर, छिड़ती देखो जंग॥ भारत के गणतंत्र की, ये कैसी है…
कल जब तुमको————–
गुरुदीन वर्मा (जी.आजाद) (शिक्षक एवं साहित्यकार) बारां (राजस्थान) कल जब तुमको————– ——————————————————— कल जब तुमको, महसूस होंगे सुख-दुःख, तब तुमको, समझ आ जायेंगे मेरे ये शब्द, तब तुमको…
चलो चलें गाँव की ओर।
हरी राम यादव, सूबेदार मेजर (आनरेरी) अयोध्या, उ. प्र.। चलो चलें गाँव की ओर। जनवरी के महीने में कड़ाके कि ठंढ़ पड़ रही थी। लोग अपने घरों में…
मिले हैं ऐसे भी चेहरे।
गुरुदीन वर्मा (जी.आजाद) शिक्षक एवं साहित्यकार बारां(राजस्थान) मिले हैं ऐसे भी चेहरे। ——————————————————— मिले हैं ऐसे भी चेहरे, मुझको जिंदगी के सफर में। बदलती जिनकी मुहब्बत, हर नये शहर…
मर्द को दर्द नहीं होता…?
संजय एम. तराणेकर (कवि, लेखक व समीक्षक) इंदौर (मध्यप्रदेश) मर्द को दर्द नहीं होता…? कौन कहता है मर्द को दर्द नहीं होता? रात को जाग कर भी वह…
बहन-भाई की प्रीति
डॉ0 हरि नाथ मिश्र, अयोध्या (उ0प्र0) बहन-भाई की प्रीति कहे बहन की प्रीति सदा ही, भइया रीति चलाते रहना। परम विमल रिश्ता यह जग में- इसको सतत निभाते…
घरेलू विवाद और दहेज पर…
संजय एम. तराणेकर (कवि, लेखक व समीक्षक) इंदौर (मध्यप्रदेश) घरेलू विवाद और दहेज पर… ये देखों लिख रहीं हैं एक स्त्री, घरेलू विवाद और दहेज पर। इन झूठे…
तुम दिखीं वैसी ही खिली-खिली…
एम. तराणेकर (कवि, लेखक व समीक्षक) इन्दौर, (मध्यप्रदेश) तुम दिखीं वैसी ही खिली-खिली… आज मुझे तुम दिखीं वैसी ही खिली-खिली, जब एकांत में मुझसे थीं; पहली बार मिली। तुम्हारे दो…
जंगल में चुनाव
अशोक कुमार यादव मुंगेली, छत्तीसगढ़। जिलाध्यक्ष राष्ट्रीय कवि संगम इकाई। जंगल में चुनाव पांच बछर बीतगे संगवारी हो, फेर होही जंगल म चुनाव। आबेदन भराय ल चालू होगे,…